Wednesday, December 2, 2009

तुम कहा हो चाँद

काफी वक्त गुजर गया उन्हें गए हुए। बड़ा अजीब है ना वक्त गुजरता जाता है और हम प्यार के बिना जीना सीख लेते है। ना जाने हम उनसे ही इतना क्यूँ डरते है जिन्हें सबसे ज्यादा प्यार करने की दुहाई देते है। अब तो एक मुद्दत हो गई उन्हें देखे हुए। वो हसीं चेहरा आज भी मेरे आंखों में ताजा गुलाब की तासीर की तरह ताजा है। पता नही क्यूँ उसकी बेरुखी पर गुस्सा आता है। जबकि जनता हु की उसकी भी कई मजबुरिया थी। पर ये दिल समझाने से नही समझता। वो जिन्दगी की हकीक़त का सामना करने से कतरा गई पर ख़ुद को मेरे दिल से ना निकाल पाई। मुझे अब भी उसके हाथो का बना खाना खाने का दिल करता है। आज उसके हाथो का एक निवाला तक चखने को तरस जाता हु। पता नही उसे खाने की मेज पर मेरी याद आती भी होगी या नही। हर वक्त मेरे पिने को लेकर फिकरमंद रहती थी पर आज एसा कोई भी नही जो मेरा हाल समझ सके

Friday, October 9, 2009

क्या सच कहना इतना बुरा होता है। मैंने अलका से सच क्या कहा उसने स्क्रैप का भी नाता एंड कर दिया। आखिर ये लारकिया ऐसा करती क्यूँ है। झूठ मुझसे बर्दास्त नही हो रहा था और मैंने सच कह दिया। मुझे नही मालूम था की अलका मेरे सच से इतना नाराज़ हो जायेगी। आखिर क्या मई किसी के नाराज़ हो जाने पर उसके दोस्त से दोस्ती भी नही कर सकता। अगर अलका दुबारा मेरे ब्लॉग पर सर्च करे तो अपने इस लोग आउट के बारे में सोचे और ...

Thursday, October 8, 2009


उसे याद करना आज भी अच्छा लगता है। मैं नही जनता की उसे मेरी याद आती भी है या नही। पर मेरे लिए आज भी वो दिल में वो जगह कायम रखने में कामयाब है। आख़िर उसने मेरे साथ ये सब क्यूँ किया। इस एक क्यूँ ने मेरे जिन्दगी को जाम कर के रख दिया है वही का वही। प्यार पर से तो जैसे भरोसा ही ख़त्म हो गया है। सब कुछ जैसे बेमानी लगता है। पर दिल तो दिल ही है उसकी बेवफाई में भी अदा नज़र आती है। उसने भी तो यही कहा था की ये उसका attitude है. chandni usne apno ke liye kiya aur mujhe bhi is baat ki khushi hai par kya mujhe khud se dur karna hi uska pyar hai. Agar ha to ye kaisa pyar hai. Gussa to bahut aata hai us par par kya karu pyar kiya hai na use. Dil me rah rah kar ek huk si uthati hai ki chand ne mere saath ye sab kiya. I can't belive. But it's true. Uski ek dost hai alka sharma jise maine orkut par friend banaya hai. Achhi larki hai par kya kare hai to uski dost. Socha to ye hai ki chalo uske tag ke bahane hi sahi apni chand se jura to rah sakunga.
Mai aaj bhi nahi bhula jab usne sms me kaha tha ki jab mere parwah karne wala koi na ho to samajna ki mai duniya me nahi. Wo bhi majood hai Par aaj sach me meri parwah karne wala koi nahi. Akelapan aadmi ko katran ki tarah kat kar rakh deta hai. Ji to rahe hai par pata nahi ye kaisi jindgi hai gisme chand ki chandni nahi but one thing is avelaible for me and that's uski sweet or namkin yadeen...

Monday, October 5, 2009

Wednesday, September 30, 2009

इ लव यू

कहा हो तुम जानू बहुत याद आती है तुम्हारी मुझे। तुम नही जानती तुम्हारे बिना कितना बेकरार रहता हु। क्या तुम वापस नही आ सकती। तुम्हे याद है न वो हसीं पल जब हम साथ हुआ करते थे। पता है ये सब खयाली बातें है पर क्या करे दिल है की मानता नही। हर पल उसकी ही याद सताती है। उसका चेहरा मेरी नज़रो के सामने से जाता ही नही।